इच्छा अपूर्ण, मौज पूर्ण || आचार्य प्रशांत, उपनिषद् पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२० अगस्त २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

श्लोक:
छान्दोग्योपनिषद्:
एकोहम् बहुष्यामि

प्रसंग:
इच्छाएं पूरी क्यों नहीं होती?
जीवन में मौज क्यों नहीं है?
जीवन में खुशियाँ कैसे लायें?