जो खेल न लगे, उसे भी खेल जानिये || आचार्य प्रशांत (2017)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२४ अगस्त, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
जो खेल न लगे, उसे भी खेल जानिये?
जीवन भी खेल है क्या ?
जीवन में हासिल करने योग्य क्या है?
जीवन में गंभीर इतना गंभीर क्यों?

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