मरोगे अकेले ही || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१४ जून २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
आस पास जोधा खड़े, सबै बजावे गाल |
मंझ महल से ले चला, ऐसा परबल काल || (संत कबीर)

प्रसंग:
मृत्यु माने क्या?
अमरता माने क्या?
कबीर किन लोगों से सावधान रहने की बात कर रहे है?
कबीर इस दोहे से क्या स्मरण कराने का प्रयास कर रहे है?