आंतरिक बीमारी ही बाहर से आकर्षक नकली दवाई बनकर बीमारी को कायम रखती है || आचार्य प्रशांत (2015)
- 4 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२३ दिसम्बर २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
नकली गुरु से कैसे बचें?
हम झुठे को क्यों पकड़े बैठे रहते है?
आंतरिक बीमारी ही बाहर से आकर्षक नकली दवाई बनकर बीमारी को कायम रखती है
शब्दयोग सत्संग
२३ दिसम्बर २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
नकली गुरु से कैसे बचें?
हम झुठे को क्यों पकड़े बैठे रहते है?
आंतरिक बीमारी ही बाहर से आकर्षक नकली दवाई बनकर बीमारी को कायम रखती है