जिन्हें इज्ज़त बचानी हो, वे प्रेम से दूर रहें || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर, युवाओं के संग (2013)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१० सितम्बर २०१३
आई.टी.एम, गुरुग्राम

प्रसंग:
जिन्हें इज्ज़त बचानी हो, वे प्रेम से दूर रहें?
कबीर किस "विरह" की बात कर रहें है?
वैराग्य का मतलब क्या होता है?
कबीर "प्रेम" निभाने को क्यों बोल रहे है?
प्रेम क्या है?
परम प्रेम कैसे पाए?