नन्हीं और गोलू न बने रह जाना || आचार्य प्रशांत (2018)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, फ्री हर्ट्स शिविर
९ मार्च, २०१८
ऋषिकेश

प्रसंग:
बचपन के बचकानी बातो को कैसे छोड़े?
अपने अनाड़ीपन को कैसे दूर करें?
अपने को परिपक़्व कैसे बनाये?
अपने समझ से कैसे बढ़े?
हम नन्हीं और गोलू ही बने रहना क्यों पसंद करते है?