हारोगे तुम बार-बार, बस कोई हार आखिरी न हो || आचार्य प्रशांत (2014)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१३ जनवरी २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
हारोगे तुम बार-बार, बस कोई हार आखिरी न हो?
माया सब पर भारी पड़ता है क्या?
माया को कैसे परास्त करें?
अपने प्रति सहानभूति कैसे रखें?