आदमी की खोपड़ी कभी नहीं भरती || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2012)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
२९ अगस्त २०१२
एम.आई.टी, मुरादाबाद

प्रसंग:
आदमी की खोपड़ी कभी क्यों नहीं भरती हैं?
हमें संतुष्टि कहाँ मिलेगी?
मै जो चाहता हूँ वो कभी पूरा क्यों नहीं होता है?

संगीत: मिलिंद दाते