जो बढ़े-घटे, आकर्षित करे, वो प्रेम नहीं || आचार्य प्रशांत (2016)
  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
९ मार्च २०१६
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
प्रेम का क्या नाम दूँ?
जो बढ़े-घटे, आकर्षित करे, वो प्रेम नहीं?
क्या हैं प्रेम के योग्य?