जानबूझकर गलत निर्णय लेने को लाचारी नहीं, मक्कारी कहते हैं || आचार्य प्रशांत (2019)
  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग,
21 जुलाई, 2019, हार्दिक उल्लास शिविर
अद्वैत बोधस्थल,
ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
हम निर्णय लेने से कतराते क्यों हैं?
मजबूरी या मक्कारी?
अपनी इच्छाओं को दबाना कितना सही है?

संगीत: मिलिंद दाते