8 नवंबर को है देवउठनी एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और तुलसी विवाह का महत्व.हिन्दू पंचांग के अनुसार देवउठनी एकादशी या तुलसी विवाह कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक यह एकादशी हर साल नवंबर में आती है. इस बार देवउठनी एकादशी या तुलसी विवाह 8 नवंबर 2019 को है. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह भी आयोजित किया जाता है. यह शादी तुलसी के पौधे और भगवान विष्णु के रूप शालीग्राम के बीच होती है. यह विवाह भी सामान्य विवाह की ही तरह धूमधाम से होता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु जब चार महीने की निद्रा के बाद जागते हैं तो सबसे पहले तुलसी की ही प्रार्थना सुनते हैं. तुलसी विवाह का अर्थ है तुलसी के माध्यम से भगवान विष्णु को योग निद्रा से जगाना. देवउठनी एकादशी की कथा ((Dev Uthani Katha) पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान श्री हरि विष्णु से लक्ष्मी जी ने पूछा- “हे नाथ! आप दिन रात जागा करते हैं और सोते हैं तो लाखों-करड़ों वर्ष तक सो जाते हैं तथा इस समय में समस्त चराचर का नाश कर डालते हैं. इसलिए आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें. इससे मुझे भी कुछ समय विश्राम करने का समय मिल जाएगा.”
लक्ष्मी जी की बात सुनकर नारायण मुस्कुराए और बोले- “देवी! तुमने ठीक कहा है. मेरे जागने से सब देवों और खासकर तुमको कष्ट होता है. तुम्हें मेरी वजह से जरा भी अवकाश नहीं मिलता. अतः तुम्हारे कथनानुसार आज से मैं प्रतिवर्ष चार मास वर्षा ऋतु में शयन किया करूंगा. उस समय तुमको और देवगणों को अवकाश होगा. मेरी यह निद्रा अल्पनिद्रा और प्रलय कालीन महानिद्रा कहलाएगी. मेरी यह अल्पनिद्रा मेरे भक्तों के लिए परम मंगलकारी होगी. इस काल में मेरे जो भी भक्त मेरे शयन की भावना कर मेरी सेवा करेंगे और शयन व उत्थान के उत्सव को आनंदपूर्वक आयोजित करेंगे उनके घर में, मैं तुम्हारे साथ निवास करूंगा.”
देवउठनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त देवउठनी एकादशी की तिथि: 8 नवंबर 2019 एकादशी तिथि आरंभ: 07 नवंबर 2019 की सुबह 09 बजकर 55 मिनट से एकादशी तिथि समाप्त: 08 नवंबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक