Laddu Gopal Mukh Darshan ! Janmashtami Special Vlog -Hindi

  • 5 years ago
जन्‍माष्‍टमी कब है?
हिन्‍दू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी भद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि आठवें दिन मनाई जाती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी हर साल अगस्‍त या सितंबर महीने में आती है. तिथि के हिसाब से जन्‍माष्‍टमी 23 अगस्‍त को मनाई जाएगी. वहीं, रोहिणी नक्षत्र को प्रधानता देने वाले लोग 24 अगस्‍त को जन्‍माष्‍टमी मना सकते हैं.

जन्‍माष्‍टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
जन्‍माष्‍टमी की तिथि: 23 अगस्‍त और 24 अगस्‍त.
अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 23 अगस्‍त 2019 को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से.
अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 24 अगस्‍त 2019 को सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक.

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 24 अगस्‍त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से.
रोहिणी नक्षत्र समाप्‍त: 25 अगस्‍त 2019 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक.

व्रत का पारण: जानकारों के मुताबिक जन्‍माष्‍टमी के दिन व्रत रखने वालों को अष्‍टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के खत्‍म होने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए. अगर दोनों का संयोग नहीं हो पा रहा है तो अष्‍टमी या रोहिणी नक्षत्र उतरने के बाद व्रत का पारण करें.

जन्‍माष्‍टमी का महत्‍व
श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का पूरे भारत वर्ष में विशेष महत्‍व है. यह हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहारों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु ने श्रीकृष्‍ण के रूप में आठवां अवतार लिया था. देश के सभी राज्‍य अलग-अलग तरीके से इस महापर्व को मनाते हैं. इस दिन क्‍या बच्‍चे क्‍या बूढ़े सभी अपने आराध्‍य के जन्‍म की खुशी में दिन भर व्रत रखते हैं और कृष्‍ण की महिमा का गुणगान करते हैं. दिन भर घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन चलते रहते हैं. वहीं, मंदिरों में झांकियां निकाली जाती हैं और स्‍कूलों में श्रीकृष्‍ण लीला का मंचन होता है.

जन्‍माष्‍टमी का व्रत कैसे रखें?
जन्‍माष्‍टमी का त्‍योहार पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग दिन भर व्रत रखते हैं और अपने आराध्‍य श्री कृष्‍ण का आशीर्वाद

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