See the inside story of Sant Kabir' Samadhi monument at Maghar in UP
  • il y a 5 ans
अपने दोहों से दुनिया को भक्‍ित का संदेश देने वाने महान कवि संत कबीर का जन्‍म बनारस के लहरतारा में 15वीं सदी में हुआ था। हथकरघे पर कपड़े बुनकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले कबीर दास ने धर्म के भेदभाव मिटाकर लोगों की भलाई में अपना पूरा जीवन लगा दिया। यूपी में वर्तमान संत कबीर नगर के मगहर में उन्‍होंने अपना शरीर छोड़ा था। संत कबीर जिंदगी भर लोगों की खैर मांगते रहे, लेकिन आज उनकी खैरियत पूछने वाला कोई नहीं। मगहर आने के बाद कुछ ऐसा ही महसूस होता है। यहां कबीर की समाधि स्थली की नींव में छह इंच तक पानी घुस चुका है। हालत ऐसी है कि यह कभी भी जमींदोज हो सकती है। वहीं उनकी याद में बने मंदिर और मजार की नींव धंस रही है और गुंबदों में भी दरार पड़ चुकी है। इंटेक की टीम ने दौरे के बाद लेटरबाजी भी खूब हुई है, लेकिन हालात कब सुधरेंगे कहा नहीं जा सकता। देखें inextlive के कैमरे से मगहर में कबीर के समाधि स्‍थल का हाल।

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