Terracotta sculpture spreads the glory of gorakhpur throughout the world
  • il y a 5 ans
औरंगाबाद...गोरखपुर का एक ऐसा गांव जहां बनी कलाकृतियों से लंदन के घरों में सजावट होती है। जी हां, इस गांव में बने टेराकोटा की सजावटी वस्तुएं सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में चाही और सराही जाती हैं। यहां पर टेराकोटा का सामान आज से नहीं कई बरस से बन रहा है। फिलहाल तीसरी—चौथी पीढ़ी इस काम को अंजाम दे रही है। टेराकोटा के ये सजावटी सामान बनाने का सिलसिला शुरू होता है मिट्टी लाने से। किसी आम मिट्टी से ये सजावटी वस्तुएं नहीं बनती हैं, इसके लिए गांव से कुछ दूर बनी रेडियो कॉलोनी के पीछे स्थित पोखरे से मिट्टी निकाल कर लाते हैं। इस मिट्टी में आम की छाल और सोडा मिक्स किया जाता है, फिर मिट्टी को चाक पर चढ़ाया जाता है, इसके बाद इसे विभिन्न आकारों में ढालकर सुखाया जाता है। इस सबमें अच्छा—खास वक्त लगता है। कलाकृतियों के सूखने के बाद इनकी रंगाई की जाती है और फिर भट्टी में डालकर पकाया जाता है। पकने के बाद इनकी पैकिंग की जाती है। फिर देश और दुनिया से मिले ऑर्डर के हिसाब से इन्हें पार्टियों को भेज दिया जाता है।

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