7 साल से सऊदी जेल में बंद नागौर के गोविंद भाकर की रिहाई के लिए चाहिए 72 लाख, MLA ने पहली दी तनख्वाह
- 5 years ago
Govind Bhakar of Nagaur in Saudi arab Jail, Rs 72 lakh Need for release
नागौर।
7 साल पहले एक फोन आया...। सूचना मिली कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया...। वह जो गाड़ी चला रहा था उसका बीमा नहीं होने के कारण उस पर 72 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है...। जुर्माना राशि जमा करवाए जाने तक उसे जेल में रखा जाएगा...।
इतना सब बताते-बताते 60 वर्षीय मोहन राम भाकर का गला रुंध गया। आंखें नम हो गईं। यह पीड़ा है राजस्थान के नागौर जिले के गांव रताऊ निवासी गोविंद भाकर (38) के परिवार की।
दरअसल, गोविंद भाकर 7 साल कमाने के लिए सऊदी अरब गया था। वहां पर एक कम्पनी में बतौर चालक काम करता था। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक था, मगर एक दिन उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। स्थानीय पुलिस की जांच में पता चला कि वह बिना बीमा की गाड़ी चला रहा था। इस जुर्म में उसे जुबेल जैल दमाम में डाल दिया और उस पर भारतीय करेंसी 72 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया।
गरीब परिवार कहां से लाए इतने पैसे?
मोहन राम भाकर ने बताया कि बेटे की सकुशल वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, मगर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण 72 लाख जुटा पाना मुश्किल हो रहा है। दो बेटे हैं। गोविंद दोनों भाइयों में छोटा है। पास के ही गांव में सुनारी में उसकी शादी की थी। उसके भी दो बेटे हैं। पत्नी, बेटे व पिता समेत पूरे गांव वालों को बेसब्री से गोविंद का इंतजार है। हर कोई उसकी सकुशल वतन वापसी चाहता है।
नागौर।
7 साल पहले एक फोन आया...। सूचना मिली कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया...। वह जो गाड़ी चला रहा था उसका बीमा नहीं होने के कारण उस पर 72 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है...। जुर्माना राशि जमा करवाए जाने तक उसे जेल में रखा जाएगा...।
इतना सब बताते-बताते 60 वर्षीय मोहन राम भाकर का गला रुंध गया। आंखें नम हो गईं। यह पीड़ा है राजस्थान के नागौर जिले के गांव रताऊ निवासी गोविंद भाकर (38) के परिवार की।
दरअसल, गोविंद भाकर 7 साल कमाने के लिए सऊदी अरब गया था। वहां पर एक कम्पनी में बतौर चालक काम करता था। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक था, मगर एक दिन उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। स्थानीय पुलिस की जांच में पता चला कि वह बिना बीमा की गाड़ी चला रहा था। इस जुर्म में उसे जुबेल जैल दमाम में डाल दिया और उस पर भारतीय करेंसी 72 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया।
गरीब परिवार कहां से लाए इतने पैसे?
मोहन राम भाकर ने बताया कि बेटे की सकुशल वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, मगर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण 72 लाख जुटा पाना मुश्किल हो रहा है। दो बेटे हैं। गोविंद दोनों भाइयों में छोटा है। पास के ही गांव में सुनारी में उसकी शादी की थी। उसके भी दो बेटे हैं। पत्नी, बेटे व पिता समेत पूरे गांव वालों को बेसब्री से गोविंद का इंतजार है। हर कोई उसकी सकुशल वतन वापसी चाहता है।