मंगलवार और शनिवार के दिन तो यहां श्रद्धालुओं का मेला-सा लग जाता है। भक्त लोग यहां रोकड़िया हनुमानजी की पूजा-अर्चना करते हैं, सुंदर काण्ड का पाठ करते हैं। बैक के इस खजांची रोकड़िया हनुमानजी का खजाना उनके पेट में छिपा है। पेट पर एक जेब है। कहा जाता है कि किसी समय जब भी किसी को जरूरत पड़ती तो जेब में हाथ डालकर रोकड़ा निकाल लेता था। एक बार किसी चोर ने रोकड़िया हनुमानजी की जेब काटनी चाही, लेकिन उसका हाथ जेब में ही फंस गया। काफी क्षमा-याचना के बाद ही चोर का हाथ जेब से बाहर निकल पाया। इसके बाद से यहां हनुमानजी की जेब से रुपए मिलने का चमत्कार बंद हो गया।