सदा सर्वदा - गणपति प्रार्थना | Marathi Shloka With Lyrics | Sada Sarvada Yog Tuza Ghadava | अर्था

  • 5 years ago
सदा सर्वदा - गणपति प्रार्थना | Marathi Shloka With Lyrics | Sada Sarvada Yog Tuza Ghadava | अर्था

भगवान गणेश प्रथम पूजनीय है और सबके चहिते भगवान है सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाले श्री गणेश की आरती के बाद उनकी प्रार्थना के लिए सदा सर्वदा नाम के श्लोक कहें जाते है। इस श्लोक के बारे में महत्वपूर्ण जानकरी देखिये इस वीडियो में

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१ सदा सर्वदा एक प्रसन्न श्लोक है जो भगवान गणेश की आरती के बाद उनकी प्रार्थना करने हेतु बोला जाता है
२ ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश तथा हिंदू गुरु रघुवीर समर्थ और संत ज्ञानेश्वर का सम्मान करने का यह एक पवित्र मार्ग है
३ इस मराठी प्रार्थना में पांच से छह छंद हैं, परंतु ज्यादातर सिर्फ चार छंदों का वर्णन किया जाता है
४ यह आमतौर पर लोकप्रिय 'श्री मनाचे श्लोक' ( मन के श्लोक) के नाम से भी जाना जाता है। जिसमे २०५ श्लोक है और इसे समर्थ रमादास स्वामी ने लिखा है
५ इसे भगवान राम के प्रति सम्मान के रूप में भी माना जाता है। रामदास स्वामी ने बहुत साहित्य की रचना की है और मनाचे श्लोक उनका सबसे लोकप्रिय साहित्य माना जाता है
६ मनाचे श्लोक की तरह, सदा सर्वदा नैतिक व्यवहार का पालन करने के लिए भक्तों को निर्देश देता हैं और हिंदू गुरुओं और देवताओं के प्रति भक्ति निर्माण का कार्य करता है
७ इसलिए, हर शाम को इन श्लोकों का पठन करने की परंपरा कई मराठी परिवारों में देखी जाती है। यह श्लोक इस प्रकार है

सदा सर्वदा योग तूझा घडावा

तुझे कारणी देह माझा पडावा

उपेक्षू नको गूणवंता अनंता

रघूनायका मागणे हेचि आतां ।।१।।



उपासनेला दृढ चालवावें

भूदेव संताशी सदा नेमावें

सत्कर्म योगे वय घालवावें

सर्वामुखी मंगल बोलवावें ।।२।।




कैलास राणा शिव चंद्रमौळी

फणींद्र माथा मुकुटी झळाळी

कारुण्य सिंधू भवदु:खहारी

तुजवीण शंभो मज कोण तारी ।।३।।



मोरया मोरया मी बाळ तान्हें

तुझीच सेवा करु काय जाणे

अन्याय माझे कोट्यानुकोटी

मोरेश्वरा ब तू घाल पोटी ।।४।।



ज्या ज्या ठीकांणी मन जाय माझे

त्या त्या ठीकांणी निजरुप तुझे

मी ठेवितो मस्तक ज्या ठीकांणी

तेथे तुझे सदगुरु पाय दोन्ही ।।५।।



अलंकापुरी पुण्य भूमी पवित्र

तिथे नांदतो ग्यानराजा सुपात्र

तया आठविता महापुण्यराशी

नमस्कार माझा सदगुरु ज्ञानेश्वराशी ।।६।।

जय जय रघुव?

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