नाट्य शाश्त्र | Natya Shastra | अर्था । आध्यात्मिक विचार

  • 5 years ago
संगीत, नाटक और अभिनय के संपूर्ण ग्रंथ के रूप में नाट्य शास्त्र का बहुत सम्मान है। नाट्य शास्त्र में केवल नाट्य रचना के नियमों का आकलन नहीं होता बल्कि अभिनेता रंगमंच और प्रेक्षक इन तीनों तत्वों की पूर्ति के साधनों का विवेचन होता है। इस वीडियो में हम नाट्य शाश्त्र की जानकारी आपको देने जा रहें हैं

Don't forget to Share, Like & Comment on this video

Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY

१ नाट्य शास्त्र विश्व का सबसे प्राचीन संस्कृत भाषा में लिखा विस्तृत हस्तलिखित ग्रंथ है

२ नाट्य, नाटक कला के लिए संस्कृत शब्द है। जिसे नाटक-कला का संग्रह (सारांश) या नाटक-कला की नियमावली भी कह सकते है

३ यह नाटकघर, नृत्य, संगीत, कविताएं और धार्मिक सौंदर्यशास्त्र सहित भारतीय कला के स्वरूपों के बारे में लिखा गया प्राचीन उल्लेखनीय कार्य है

४ यह माना जाता है कि इसे भरत मुनी नामक एक ब्राह्मण पुजारी ने लिखा है ( ईसा पूर्व १ली शताब्दी - ३री शताब्दी )

५ इस ग्रंथ को ३६ अध्यायों में विभाजित किया गया है जिसमें ललित कला का वर्णन करने वाले ६,००० से अधिक पद हैं, जो २५०० साल पुराने है

६ विशेषज्ञों का कहना है कि नाट्य शाश्त्र का पहला अध्याय अर्ध-ऐतिहासिक और अधिकतर पौराणिक कथाओं पर आधारित है

७ इस ग्रंथ ने संस्कृत भाष्य (समीक्षा और टिप्पणियों) जैसे माध्यमिक साहित्य को प्रेरित किया है। नाट्य शास्त्र पर सबसे विश्वसनीय टिप्पणी १० वीं शताब्दी में अभिनवगुप्त द्वारा अभिनवभारती है

८ नाटक कलाकार और शास्त्रीय नर्तक आज भी इस ग्रंथ को कलाओं का पारंपरिक विश्वकोश के रूप में मानते हैं

९ भारतीय संस्कृति के अधिक वीडियो देखने के लिए, हमारे यूट्यूब चॅनेल को सब्सक्राइब करें और हमारा फेसबुक पेज लाइक करें

Like us @ Facebook - https://www.facebook.com/ArthaChannel/
Check us out on Google Plus - https://goo.gl/6qG2sv
Follow us on Twitter - https://twitter.com/ArthaChannel
Follow us on Instagram -https://www.instagram.com/arthachannel/
Follow us on Pinterest - https://in.pinterest.com/channelartha/
Follow us on Tumblr - https://www.tumblr.com/blog/arthachannel

Recommended