हिन्दू धर्म में स्वस्तिक को क्यों महत्वपूर्ण माना गया है ? | अर्था | आध्यात्मिक विचार

  • 5 years ago
स्वस्तिक हिन्दू धर्म पवित्र चिन्ह है.. .इस की क्या विशेषताएं है जानिए इस विडियो के जरिये

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१. स्वस्तिक सभी दिशाओं और भगवानो एवं शुभ परिस्तिथियों का प्रतिकत्मिक चिन्ह है
२. गणेश पुराण अनुसार स्वस्तिक सभी बाधाओं को हरने वाले भगवान गणेश का एक रूप है.
३. ऋग वेद के एक सूक्त में, स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीकात्मक चिन्ह कहा गया है.
४. कुछ विद्वानों का का भी सुझाव है कि यह भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का संकेत है.
५. लोग स्वस्तिक को जमा (+) या समृद्धि का निशान भी मानते हैं.
६. धार्मिक लेख वर्णन करते हैं कि ये ८ हाथ हैं धरती, अग्नि , जल , वायु , आकाश , मस्तिकश , भावनाएं और आभास.
७. चार मुख्य हाथ चार दिशों में इशारा करते हुए चार युगों का प्रतीक हैं - सतयुग , त्रेता युग , द्वापर युग और कलयुग .
८. ये चार बिंदु जीवन के ४ आश्रमों को भी सूचित करता है - ब्रहमचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ एवं सन्यास .
९. ४ हाथ बिन्दुओं सहित ४ जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं - ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य और शुद्र .

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