राफेल पर छिड़ी सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही

  • 6 years ago
राफेल पर छिड़ी सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है...पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद फ्रांस की वर्तमान सरकार ने कहा कि वह राफेल डील के लिए भारतीय औद्योगिक भागीदारों को चुनने में किसी भी तरह से शामिल नहीं थी. फ्रांसीसी कंपनियों को करार करने के लिए भारतीय कंपनियों के चयन की पूरी आजादी है और दसॉल्ट ने सबसे बेहतर विकल्प चुना. फ्रांस सरकार का ये बयान तब आया है, जब पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने डील को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि राफेल डील के लिए भारत सरकार की ओर से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया गया था और दसॉल्ट एविएशन कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं था. ओलांद के इस बयान के बाद देश में राजनीति फिर गर्मा गई है. राफेल पर सरकार के खिलाफ पहले से हमलावर कांग्रेस को मोदी सरकार पर हमले की एक और वजह मिल गई...उधर बीजेपी ने भी फ्रांस सरकार के ताजा बयान को आधार बनाकर पलटवार किया है.

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