Tu Khud Ki Talash Me Nikal ( तू खुद की तलाश में निकल ) By Dipak Singh

  • 6 years ago
तोड दे बेढिया अपनें हलातो की,
कि अभी तो तेरी पहचान बाकी है !
सिर्फ मुट्ठी भर जमीन ही हुए है तेरे,
कि अभी तो सारा जहान बाकी है !
ना रोक तु खुद को मजबुरीयो के सामने,
अभी तो न जाने कितने इनतीहान बाकी है !
है अगर तेरी यही तकदीर तो इसे बदल,
और हाथों की लकीरों से आगे निकल !
ना हार है तेरी किसी से नही तेरी किसी से जंग,
तुझसे ही तेरी जीत है तेरे साथ ही है तेरी जंग !
तू खुद की तलाश में निकल...
….. (Dipak Singh)

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