एक संकल्‍प ने लिख दी इबारत

  • 6 years ago
गालियां सुनी। मारी खाई। तलवार के वार झेले। मगर अपने संकल्‍प से नहीं हटीं। शराब बंदी लागू हुई और बदल गई जिंदगी। यही गाथा है जीविका की दीदियों की। मुख्‍यमंत्री नीतिश कुमार को शनिवार को अपनी संघर्ष गाथा सुनाएंगी।

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