चोरी के एक मामले में सिविल जज ने सुनाया एतिहासिक फैसला

  • 6 years ago
​गुहला चीका : गुहला के इतिहास में सिविल जज अमित कुमार ग्रोवर ने आज चोरी के एक मामले में एतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक दोषी रविंद्र को दो अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन साल की सजा सुनाई है, जबकि दूसरे दोषी आशीष को एक-एक साल की सजा सुनाई है। शिकायत पक्ष के वकील सुशील बंसल ने बताया कि माननीय जज ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि उक्त दोषियों को क्रमश: पहले तीन साल की सजा भुगतनी होगी जिसके बाद फिर दूसरी धाराओं के तहत सुनाई गई तीन साल व साल की सजा को भी काटना होगा, इसी प्रकार दूसरे दोषी को भी क्रमश: एक-एक साल की सजा बारी-बारी भुगतनी होगी। इस मामले का रोचक पहलू यह भी है कि माननीय जज ने चोरी की घटना के मात्र 6 माह में अपना फैसला सुना दिया। केस में 10 गवाहों ने अपनी गवाही देकर उसे उसके अंजाम तक पहुंचाया।

इस बीच सरकारी वकील अनूप सिंह व् डॉ. बंसल के वकील सुशील बंसल ने बताया कि एक दोषी रविंद्र को दो अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन साल की सजा सुनाई है, जबकि दूसरे दोषी आशीष को एक-एक साल की सजा सुनाई है। दोषियों को माननीय न्यायाधीश ने दोषियों को क्रमश: पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। 2 अगस्त 2017 को दोषी सुरेंद्र बंसल नामक व्यापारी के निवास में घुसे और करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपए की नगदी व जेवरात पर हाथ साफ करके कुछ ही समय में चंपत हो गए थे। वार्ड न बर 14 के मकान में घटी यह घटना जितनी साधारण व आश्चर्यजनक लगती थी, दरअसल उतनी साधारण थी नहीं। मकान के मालिक सुरेंद्र बंसल के अनुसार वह चीका चौक पर एक कमिस्ट की दुकान चलाते हैं जिसमें उसकी पत्नी भी सहयोग करती है। बंसल के अनुसार 2 अगस्त की शाम को करीब छह बजे उसकी पत्नी सरोज बंसल अपने मकान को ताला लगाकर दुकान पर आ गई थी और इसी दौरान चोर उसके घर में घुसे और वारदात को अंजाम देकर रफू चक्कर हो गए। बंसल ने बताया कि उसके घर में 4 लाख रुपए नगद, 6 किलो चांदी व 4 किलो सोने के गहने पड़े हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरों ने बाहर के मकान का ताला नहीं तोड़ा और दीवार फांद कर घर में घुस गए। उन्होंने बताया कि इसके बाद चोरों ने समूचे घर को खंगाल दिया और चोरी करके भाग गए थे। चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोरों के नामों का उस समय खुलासा हुआ था जब उनकी फोटो पड़ोस में लगे एक सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो गई थी जिससे यह भी सामने आया था कि चोरी को अंजाम देने वाले दोषी पड़ोस के ही युवक थे।

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